Land Registry Rule : बिहार में जमीन रजिस्ट्री करवाने से पहले जान लेना ये खास नियम, वरना हो सकती है दिक्कत ।
भूमि और संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए राज्य सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए जमाबंदी नियमों ने आमजन और प्रॉपर्टी डीलरों के सामने नई चुनौतियाँ पेश की हैं। इस लेख में हम इन नए नियमों के प्रभाव और उनसे जुड़ी परेशानियों पर एक नज़र डालेंगे।
नियमों का असर
नए जमाबंदी नियमों का असर न केवल जिला निबंधन कार्यालय पर, बल्कि हलसी और सूर्यगढ़ा निबंधन कार्यालयों पर भी काफी गहरा पड़ा है। इसकी वजह से विभाग की राजस्व आय में कमी आई है, जो सरकार और संबंधित विभागों के लिए एक चिंता का विषय बन गई है ।
जमीन रजिस्ट्री में कमी
जमीन के क्रेता और विक्रेता के नाम पर जमाबंदी होना अब अनिवार्य है। इस नए नियम के लागू होने के बाद से जमीन रजिस्ट्री में काफी कमी आ गई है। इसके परिणामस्वरूप, जमीन खरीद बिक्री के धंधे में लगे लोगों को विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिचोलियों की बढ़ती बेचैनी
बिचोलियों द्वारा लाखों रुपये एडवांस में लेने के बाद, नए नियमों के चलते अब रजिस्ट्री कराने में उन्हें काफी मुश्किल हो रही है। इससे उनकी बेचैनी में वृद्धि हो रही है और व्यापार पर भारी प्रभाव पड़ रहा है।
जमीन खरीद बिक्री का सन्नाटा
जिला निबंधन कार्यालयों में जहां पहले जमीन खरीद बिक्री के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। यह नए नियमों के असर को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
रजिस्ट्री में आई भारी कमी
पहले जहां रोजाना 30 से 35 दस्तावेजों का निबंधन होता था, वहीं अब यह संख्या घटकर मात्र चार-पांच रह गई है। इसका सीधा प्रभाव विभाग की राजस्व आय पर पड़ा है।
लोगों की प्रतिक्रिया
रजिस्ट्री कराने आए लोगों का कहना है कि सरकार का नया जमाबंदी नियम पूरी तरह अव्यवहारिक है और इसे बदलने की जरूरत है। यह सरकार और संबंधित विभागों के लिए एक सोचनीय विषय है।
वार्षिक लक्ष्य और चुनौतियाँ
जिला निबंधन कार्यालय के सामने वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने की एक बड़ी चुनौती है। चालू वित्तीय वर्ष में शेष समय में निर्धारित राजस्व प्राप्त करना विभाग के लिए एक कठिन कार्य होगा।